अहाना फिर दरवाज़ा ओपन करती है अब उसे फिर से सुहानी दिखती है । अब सुहानी उसे देखकर कहती है ये क्या तरीका है अहाना जैसे ही सुहानी की आवाज सुनती है वो अपने खयालों से बाहर आती है और कहती है मैम आप यहाँ तो सुहानी उसकी किसी भी बात का कोई जवाब नहीं देती और कहती है साइड तो अहाना कहती है जी तो सुहानी कहती है साइड हटो मुझे अंदर जाना है । तभी अहाना कहती है क्या क्यों क्यों जाना है आपको अंदर तो सुहानी कहती है मुझे काम है आप साइड हटेंगी अब यहाँ अहाना को लगता है शायद सुहानी को उसकी कंप्लनेट करनी होगी जो भी आज कॉलेज में हुआ उसके लिए सुहानी आई है तो अहाना कहती है अंदर कोई नहीं है आप आप जाइए तो सुहानी उसे देखती है सुहानी का वो देखने का लहजा ऐसा था की कोई भी डर जाए । अब यहाँ अहाना साइड हट जाती है और सुहानी अंदर की तरफ आती है तभी अहाना उसके पीछे पीछे आती है और कहती है mam मैंने आपको कॉलेज में ही सॉरी कहा था चाहे तो अभी भी सॉरी बोलती हूँ पर आप ऐसे किसी के घर पे जाकर उसकी कंप्लेंट नहीं कर सकती है । ये कॉलेज के रूल्स के खिलाफ है आप ऐसे रूल ब्रेक नहीं कर सकती आप ही हमे सिखाती है और आज आप ही रूल ब्रेक कर रही है मैम ये तो ग़लत है बोहत ग़लत है । अहाना नॉन-स्टॉप बोले जा रही थी , तभी अहाना की माँ अंदर से आती है तो वो सुहानी को देखती है और उसके पास आती है यहा अहाना को अब पसीना आ रहा था की कहीं सुहानी कुछ बोल ना दे अहाना कुछ बोलने ही वाली थी की तभी सुहानी कहती है आंटी वो कीज चाहिए थी दादी ने आपके यहाँ रखी है ना !! अब यहाँ अहाना सुहानी की तरफ देखती है सुहानी के फेस पे हल्की सी स्माइल थी अहाना की हरकते ही ऐसी थी तो हसी किसी को भी आ सकती थी तभी अहाना की माँ कहती है हा बेटा रुको लाती हूँ और अहाना की माँ वही टेबल पे रखी हुई कीज सुहानी को देती है । जिसके बाद सुहानी कहती है थैंक यू तो अहाना की माँ कहती है बेटा आई हो तो चाय पिकर जाओ अहाना अभी चाय बनाने ही जा रही थी , तभी अहाना कहती है क्यों माँ उनके घर में भी तो चाय बनती होगी वो उनके घर में पी लेंगी तो उसकी माँ उसे देखती है तभी अहाना कहती है मेरा मतलब की इस टाइम तक चाय बन जाती है सबके घर में तभी उसकी माँ कहती है चुप करो तुम तो अहाना चुप हो जाती है । तभी सुहानी कहती है नहीं आंटी फिर कभी आऊँगी चाय के लिए घर में बोहत काम है अभी कॉलेज से आई हूँ तो अहाना की माँ कहती है ठीक है बेटा लेकिन आना जरूर तभी अहाना कहती है क्यों तो उसकी माँ और सुहानी दोनों ही उसे देखते है तभी अहाना कहती है मेरा मतलब की क्यों नहीं आप जरूर आइए तभी सुहानी अहाना की माँ को बाई कहकर वहाँ से चली जाती है यहाँ अहाना की माँ अहाना से कहती है ये क्या तरीका था तुम्हारा बात करने का ऐसे कहता है कोई क्या सोच रही होगी वो , तो अहाना कहती है कुछ भी सोचे हमे क्या वैसे माँ ये है कोन तो उसकी माँ कहती है तुम्हारी भाभी की बोहत अच्छी दोस्त है ये हमारे आस पास के ही किसी कॉलेज में प्रोफसर है इसलिए इसने यही सामने वाला घर लिया है । तभी अहाना कहती है क्या ???सामने वाला ही घर तो उसकी माँ कहती है तुम्हें क्या हो रहा है हर बात इतनी जोर से क्यों बोल रही हो तुम तो अहाना कहती है कुछ नहीं वैसे माँ अगर ये यहाँ रहती है तो मुझे क्यों नहीं दिखी तो उसकी माँ कहती है बेटा वो अभी ही शिफ्ट हुए है और तुम दो दिन से अपना बेड छोड़ रही हो जो तुम्हें कुछ दिखेगा । तो अहाना कहती है ओके ओके तो तभी उसकी माँ कहती है अगर तुम्हारा हो गया हो तो चाय बनेगी आज की तारीख में तो अहाना कहती है हा जा रही हूँ अभी बना रही और ऐसे वो जाने लगती है तभी फिर टर्न करती है और उसकी माँ से कहती है माँ वैसे आप उन्हें कैसे जानती है तो उसकी माँ थोड़े गुस्से के लहजे में कहती है , अहाना मैंने अभी ही तुमसे कहा है कि वो तुम्हारे भाभी की दोस्त है कई बार की है मैंने उसे बात अब अगर तुमने कुछ पूछा ना तो बता रही हूँ तभी अहाना कहती है जा रही हूँ जा रही हूँ डरा क्या रही हो , और ऐसे अहाना वहाँ से चली जाती है जाते हुए अहाना कहती है क्या हो गया है सबको जो देखो मुझे डरा ही रहा है ये सुहानी मैम ने तो क्या डराया है मुझे बता भी तो सकती थी की कीज लेने आई है । अजीब है यार सब मिलके बच्चे की जान लेने पे तुले है तभी उसे आवाज आती है उसकी माँ कह रही होती है अहाना तबियत सही है ना तुम्हारी अकेले में क्या बड़बड़ा रही हो तभी अहाना कहती है लो ये मेरी माँ के कान है या क्या है तभी अहाना कहती है कुछ नहीं हुआ ला रही हूँ चाय !!!
अब यहाँ जो सुहानी है वो अपने घर में जाते हुए जो है स्माइल कर रही थी सुहानी के फेस पे सो प्यारी सी मुस्कान थी अहाना की वो हरकते सुहानी को बोहत क्यूट लगी थी । सुहानी अपने घर का गेट ओपन करती है और अंदर चली जाती है अंदर जाने के बाद सुहानी अपने रूम में जाती है फ्रेश होती है और चेंज करने के बाद नीचे आती है खाना बनाने के लिए । यहाँ सुहानी अपना जो डिनर है वो बना रही होती है तो वही जो अहाना है वो अपने रूम में बैठी सुहानी के बारे में ही सोच रही थी अहाना के मन में सिर्फ और सिर्फ सुहानी थी तभी वो ख़ुद से ही कहती है सुहानी मैम सामने वाले ही घर में है मतलब में उनसे रोज़ मिल सकती हूँ लेकिन कैसे वो ऐसे मुझसे क्यों मिलेंगी कुछ तो करना पड़ेगा लेकिन क्या करूँ । बोहत सी बाते अहाना के मन में चल रही थी अहाना बोहत कुछ सोच रही थी लेकिन उसे कोई भी आइडिया नहीं मिल रहा था जिसे की वो सुहानी के पास रहे लेकिन अहाना क्यो रहना कहती थी सुहानी के आस पास इसका जवाब तो अहाना ख़ुद अब तक नहीं जानती थी । अब ऐसे ये लोग अपने अपने कामो में बिजी हो जाते है रात के टाइम जब अहाना का डिनर हो जाता है तो वो डेली की तरह अपनी छत पे जाकर खड़ी थी अहाना वहा खड़े हुए चाँद की तरफ़ देख रही थी । तभी उसकी नजर सामने वाले छत पे जाती है जहाँ पे सुहानी खड़ी थी सुहानी वहाँ टहल रही थी अहाना जैसे ही सुहानी को देखती है उसके फेस पे मस्त एक स्माइल आती है अहाना सोचती है क्या मैं उनसे बात करूँ लेकिन मैं क्या बात करूँगी वो तो मेरी तरफ देख भी नहीं रही , एक काम करती हूँ आवाज देती हूँ नहीं नहीं अभी मैंने आवाज लगायी तो और भी लोग है वो सुन लेंगे और क्या पता उन्हें नहीं पसंद आया तो कल मेरी कॉलेज में अच्छी खासी क्लास ले लेंगी ये नहीं नहीं में रिस्क नहीं ले सकती अहाना ऐसे ही ख़ुद से बाते कर रही थी लेकिन उसका ध्यान सुहानी पे नहीं था जब अहाना ख़ुद से ये बाते कर रही थी तो सुहानी का ध्यान अहाना पे गया था अहाना को ख़ुद से ही बाते करता देख सुहानी को बोहत हसी आ रही थी । तभी जो अहाना है वो सामने की तरफ देखती है तो वहाँ उसे सुहानी हसते हुए दिखती है अहाना ख़ुद से ही कहती है क्या ये मुझे देखकर हस रही है लेकिन क्यों मैं क्या कोई जोकर हूँ , फिर उसे याद आता है कि वो अभी अभी ख़ुद से ही बाते कर रही थी तभी वो कहती है अहाना अब तो शांत हो जा यार वो देख के अभी भी हस रही है , तभी वो सुहानी की तरफ देखती है और उसे हाय का वेव करती है सुहानी उसके इस वेव का कोई जवाब नहीं देती उल्टा वहा से चली जाती है । अब यहाँ अहाना परेशान हो जाती है क्या मतलब हाय तक नहीं किया लेकिन अहाना तुम्हें क्या ज़रूरत थी उन्हें ऐसे हाय करने की लेकिन यार मेरी भी क्या गलती थी वो हस रही थी मुझे लगा शायद हाय करदे लेकिन बेटा अहाना अब तो वो हाय और बाय दोनों करेंगी कल कॉलेज में क्या होगा मेरा , सुहानी मैम अभी जिस तरह से यहाँ से गई है मुझे तो लग रहा है कल वो मुझे क्लास में तो क्या कॉलेज में तक नहीं आने देंगी । ऐसे बाते करते हुए जो अहाना है वो अपने रूम में आ जाती है यहाँ सुहानी हस्ते हुए नीचे आती है तो उसकी दादी उसे देखकर कहती है क्या हुआ सुहानी बेटा तुम इतना क्यों हस रही हो तो सुहानी कहती है कुछ नहीं दादी बस यहाँ सामने वाली छत पे एक लड़की खड़ी थी वो काफ़ी टाइम से अकेले ही बाते कर रही थी और एक्सप्रेशन तो ऐसे दे रही थी आप होती ना वहाँ तो आप भी बोहत हसती तभी उसकी दादी कहती है सुहानी बेटा ऐसे किसी का मजाक नहीं उड़ाते तो सुहानी कहती है दादी मैं उसका कोई मज़ाक नहीं उड़ा रही उसके हरकते ही ऐसी है मैं आपको क्या बताऊ तो उसकी दादी कहती है क्यों तुम जानती हो उसे तो सुहानी कहती है हा मेरी स्टूडेंट है और फिर सुहानी अहाना के बारे में दादी को सब बता देती है जिसके बाद दादी भी बोहत हस रही थी और हस्ते हुए वो सुहानी से कहती है ये लड़की तो काफ़ी मज़ेदार है तो सुहानी कहती है क्या दादी मज़ेदार नहीं पागल लगी मुझे तो , तो तभी उसकी दादी कहती है बच्ची है ना और बच्चों की हरकते तो ऐसी ही रहती है । तो सुहानी कहती है हा जिसके बाद दादी कहती है अच्छा अब चलो सोने चलते है कल तुम्हारा कॉलेज है तो सुहानी कहती है हा चलिए जिसके बाद दादी और सुहानी अपने अपने रूम में सोने के लिए चले जाते है । यहाँ जो अहाना है वो भी सोने के लिए जा चुकी थी ।
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